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Showing posts from September, 2012

Third eye.- rajiv rawat: सूचना विभागः तिनका तो दिखा...पर दाड़ी किसकी ?

Third eye.- rajiv rawat: सूचना विभागः तिनका तो दिखा...पर दाड़ी किसकी ? : उत्तराखंड में खुली विज्ञापन माफियाओं की लाॅटरी , ताक पर कायदे ( राजीव रावत ) अगर आप उत्तराखंडी हैं और प्रोडक्शन हाउस ...

M factor.टिहरी की जंग में कृष्ण कौन ? मुन्ना या मातवर!

मतदाता का मन [5]- टिहरी की जंग में M फैक्टर- मुन्ना या मातवर! राजीव रावत देहरादून। दलबदल के दलदल में धंसता जा रहा है टिहरी लोकसभा उपचुनाव। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के चहरों में बड़े पैमान पर अदलाबदली हो गयी...लेकिन सबसे सवाल यह है कि क्या नेताओं की अदला-बदली मे ंवोटों की भी अदला-बदली हो पाई है। देश की तरह ही दलबदल के इस दलदल भी अब नजर अब ‘‘एम‘‘ फैक्टर पर टिक गई है। कांग्रेस का (एम) फैक्टर है मातबर कंडारी जिनका साथ मिलने से कांग्रेस को अपनी जीत तो भाजपा की हार दिखाई देती है तो वहीं भाजपा का (एम) फैक्टर है मुन्ना सिंह चैहान।    कांग्रेस के कुनबे में दलबदल और घर वापसी के जरिये नेताओं की नयी खेप हाथ के साथ आयी है उनमें सबसे पहला नाम भाजपा के दिग्गज नेता मातवर सिंह कण्डारी और पूर्व विधायक राजकुमार का है। कण्डारी की अपनी विधानसभा रूद्रप्रयाग पौड़ी लोकसभा का हिस्सा है। अविभाजित उत्तरप्रदेश में वे देवप्रयाग के विधायक हुआ करते थे जिसमें वर्तमान नरेन्द्रनगर,देवप्रयाग और रूद्रप्रयाग विधानसभा के अलावा आंशिक रूप से घनशाली विधानसभा के कुछ गांव आते हैं। तीनों विधानसभायें अब पौड़ी लोकसभा का हिस्

टिहरीःक्या मनमोहन की विदाई को वोट?

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टिहरीःमतदाता का मन-[3] आरम्भिक राजनैतिक विश्लशण यह निकलकर आया कि टिहरी उपचुनाव में वोट का पैमाना राष्ट्रीय नही वरन राज्य का होगा। इस तर्क के पीछे का सच ये है कि आपदा की मार, पदोन्नति में आरक्षण,स्थानानतरण नीति, पिछली सरकार का भ्रष्टाचार और सड़क बिजली पानी की समस्या से जूझ रही टिहरी की जनता इसी गुण-दोष के आधार पर अपना वोट दे देगी। लेकिन जैसे ही ममता बनर्जी ने अपनी ममता के छांव से कांग्रेस को महरूम करने का मन बनाया टिहरी का सियासी गणित बदल गया । क्योकि ममता के बगैर एक-एक सीट का महत्व बढ़ गया है। और एैसे मे ंममता फैक्टर क्या टिहरी में कोई गुल खिला सकता है।     कुल 545 सदस्यों की मौजूदा लोकसभा में काँग्रेस के 205 सांसद हैं. अगर तृणमूल काँग्रेस के 19 सदस्य हाथ खींच लेते हैं तो यूपीए के पास द्रविड़ मुनेत्र कणगम के 18, राष्ट्रीय लोकदल के पाँच, राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के नौ, नेशनल कानफ्रेंस से तीन और दूसरी पार्टियों के कुछ सांसद रह जाएँगे. सरकार को बाहर से समर्थन देने वालों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल हैं और जनता दल सेक्युलर है. कुल मिलाकर बाहर से 50 सांसदों

टिहरीः क्या युवा फैक्टर से कांग्रेस को बढ़त?

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टिहरीःमतदाता का मन(2)-  टिहरी उपचुनाव में मनमोहन फैक्टर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है तो फिर उसकी काट कांग्रेस कैसे करेगी। वोट के पैमाने इस चुनाव में आखिर क्या-क्या हो सकते हैं। जनसदन के जरिए वाॅयस आॅफ नेशन का अभियान जारी है। राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों के आलावा टिहरी की नब्ज समझने वाले बु़ि़द्वजीवियों , पत्रकारों, मतदाताओं और हमारे दर्शकों के साथ मिलकर हम इस अभियान के टिहरी लोकसभा का मूड टटोलने की कोशिश कर रहे है। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए यह राजनीति का प्रवेश द्वार है इसलिए इस बात को अंततः दोनों की दल.. दबे मन से ही सही... पर मौन स्वीकृति तो दे ही रहे हैं कि प्रत्याशी की योग्यता इस चुनाव में वोट का पैमाना नही है। कांग्रेस का इस चुनाव का कार्ड क्या युथ फैक्टर बन सकता है। सभी प्रत्याशीयों मे ंसाकेत बहुगुणा युवा है। मुख्यमंत्री समेत बाकी कांग्रेस नेता भी इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि कांग्रेस का भविष्य राहुल गांधी है। संकेत साफ है कि अगर 2014 में यूपीए को बहुमत मिला तो राहुल प्रधानमंत्री होंगे... और एैसा हो गया तो साकेत बहुगुणा को राहुल की युवा टीम

टिहरी-मूड मतदाता का(1)-मनमोहन फैक्टर कांग्रेस के खिलाफ

मनमोहन फैक्टर कांग्रेस के खिलाफ  टिहरी उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने अपने प्रत्याषी मैदान में उतार दिए हैं एक तरफ बहुगुणा परिवार का युवराज है तो दूसरी तरफ राजवंष की महारानी। देष के सर्वोच्च सदन में इन्ही दो में से एक का जाना तय है, लेकिन विडम्बना ये है कि इनमे से किसी ने भी ग्राम सदन तक के दर्षन नही किये है। राजनीति से कोसों दूर रहे इन दोनों प्रत्याषीयों के कारण योग्यता इस चुनाव में वोट का पैमाना षायद ही बन पाए। तो फिर क्या होंगे वोट के पैमाने। जनसदन में इस सवाल के साथ हम जनमानस से बात कर रहै है। हमने सवाल किया कि क्या है देष का मूड और क्या देष के मूड की तरफ ही टिहरी की जनता का भी मूड है। इस अभियान के जो षुरूआती संकेत मिले है वो सत्ताधारी कांग्रेस के लिए चिंताजनक हो सकते है। 6 सिलेण्डरो के बाद सातवां सिलेण्डर अब दोगुने दाम पर मिलेगा... डीजल के दाम बढ़ने के बाद अब बस और टैक्सी भाड़े के साथ ही मालभाड़ा भी 15 फीसदी तक बढ़ाया जा रहा है। ट्रांसपोर्टेषन लागत बढ़ते ही आम उपभोक्ता वस्तुओं के दाम भी बढ़ रहे है। साफ तौर इसने आम आदमी को आम आदमी की ही  सरकार से बिदकाकर रख दिया है। उपर से क

सूचना विभागः तिनका तो दिखा...पर दाड़ी किसकी ?

उत्तराखंड में खुली विज्ञापन माफियाओं की लाटरी , ताक पर कायदे ( राजीव रावत ) अगर आप उत्तराखंडी हैं और प्रोडक्शन हाउस या विज्ञापन एजेंसी के रूप में उत्तराखंड में काम करना चाहते हैं , तो अपना इरादा बदल दीजिये , क्योंकि इस मद से उत्तराख्ंाड सूचना विभाग द्वारा खर्च किये जाने वाली करोड़ो रूपये की धनराशि से एक फूटी कौड़ी भी आपको मिलने से रही। पात्रता के जो नए प्रावधान सूचना और लोकसंपर्क विभाग ने तय किये हैं। उसमें पहले से ही जमे जमाये माफियाओं के लिए सारे कायदे ताक पर रखे गये हैं और जो नए कायदे निर्धारित किये गये हैं उसमें आप फिट बैठते ही नहीं है। तो क्या ये देश भर के विज्ञापन माफियाओें को उत्तराखंड बुलाकर खजाना निपटाने की कोई नई साजिश तो नहीं पनप रही। उत्तराखंड सूचना और लोकसंपर्क विभाग ने तीन सितंबर को पत्रांक संख्या 723 के मार्फत विज्ञापन सामाग्री के डिजाइन आदि के लिए विज्ञापन एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे हैं। विज्ञापन एजेंसियों के लिए

सूचना विभागः तिनका तो दिखा...पर दाड़ी किसकी ?

उत्तराखंड में खुली विज्ञापन माफियाओं की लाॅटरी , ताक पर कायदे ( राजीव रावत ) अगर आप उत्तराखंडी हैं और प्रोडक्शन हाउस या विज्ञापन एजेंसी के रूप में उत्तराखंड में काम करना चाहते हैं , तो अपना इरादा बदल दीजिये , क्योंकि इस मद से उत्तराख्ंाड सूचना विभाग द्वारा खर्च किये जाने वाली करोड़ो रूपये की धनराशि से एक फूटी कौड़ी भी आपको मिलने से रही। पात्रता के जो नए प्रावधान सूचना और लोकसंपर्क विभाग ने तय किये हैं। उसमें पहले से ही जमे जमाये माफियाओं के लिए सारे कायदे ताक पर रखे गये हैं और जो नए कायदे निर्धारित किये गये हैं उसमें आप फिट बैठते ही नहीं है। तो क्या ये देश भर के विज्ञापन माफियाओें को उत्तराखंड बुलाकर खजाना निपटाने की कोई नई साजिश तो नहीं पनप रही। उत्तराखंड सूचना और लोकसंपर्क विभाग ने तीन सितंबर को पत्रांक संख्या 723 के मार्फत विज्ञापन सामाग्री के डिजाइन आदि के लिए विज्ञापन एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे हैं। विज्ञापन एजेंसियों के लिए