टिहरीः क्या युवा फैक्टर से कांग्रेस को बढ़त?

टिहरीःमतदाता का मन(2)- 

टिहरी उपचुनाव में मनमोहन फैक्टर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है तो फिर उसकी काट कांग्रेस कैसे करेगी। वोट के पैमाने इस चुनाव में आखिर क्या-क्या हो सकते हैं। जनसदन के जरिए वाॅयस आॅफ नेशन का अभियान जारी है। राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों के आलावा टिहरी की नब्ज समझने वाले बु़ि़द्वजीवियों , पत्रकारों, मतदाताओं और हमारे दर्शकों के साथ मिलकर हम इस अभियान के टिहरी लोकसभा का मूड टटोलने की कोशिश कर रहे है। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए यह राजनीति का प्रवेश द्वार है इसलिए इस बात को अंततः दोनों की दल.. दबे मन से ही सही... पर मौन स्वीकृति तो दे ही रहे हैं कि प्रत्याशी की योग्यता इस चुनाव में वोट का पैमाना नही है। कांग्रेस का इस चुनाव का कार्ड क्या युथ फैक्टर बन सकता है।
सभी प्रत्याशीयों मे ंसाकेत बहुगुणा युवा है। मुख्यमंत्री समेत बाकी कांग्रेस नेता भी इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि कांग्रेस का भविष्य राहुल गांधी है। संकेत साफ है कि अगर 2014 में यूपीए को बहुमत मिला तो राहुल प्रधानमंत्री होंगे... और एैसा हो गया तो साकेत बहुगुणा को राहुल की युवा टीम में अहम स्थान मिल सकता है। मतलब टिहरी की केन्द्र सरकार में भागीदारी। इस तर्क के पीछे का आधार यह है कि भले ही साकेत टिहरी से अनजान हों पर सुप्रीम कोर्ट में वकालात और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर भी मुकदमों की पैरोकारी साकेत को कानून मंत्रालय दिला सकती है। देश की अग्रणी कंपनी इंडिया बुल्स का अनुभव वित्त,वाणिज्य, उद्योग मंत्रालय की पात्रता का आधार बन सकता है... भले ही शुरूआत राज्यमंत्री स्तर से हो।
इसके साथ ही सांसदों से युवा नेताओं की दूरी का जो सिलसिला टिहरी लोकसभा में रहा है उसे भी साकेत के जरिये पाटने का तर्क दिया जा रहा है। दिहरी के युवा मतदाता हों या फिर युवा नेता। विजय बहुगुणा,मानवेन्द्र शाह, ब्रह्मदत्त,या परिपूर्णानंद पैन्यूली से उनकी मुलाकात  या तो चरण स्पर्श करके या फिर दोनों हाथ जोड़कर ही होती रही। मुलाकात का अंदाज ही दायरा तय करता था। लेकिन साकेत से न सिर्फ हाथ मिला सकते हैं वरन कंधा भी मिलाया जा साकता है। युवाओं की फौज को मैदान में उतारने के लिए यह फैक्टर कारगर हो सकता है क्योंकि भाजपा की महारानी के तो जब भाजपा के बजुर्ग नेता तक पांव छुते है तो फिर युवाओं की बिसात ही क्या। लिहाजा युवा फैक्टर इस चुनाव में कार्यकर्ता जुटाने को कांग्रेस का निर्णायक हथियार साबित हो सकता है। मगर सवाल है कि मतदाता का मूड क्या है।
राजीव रावत(VON)
.... आपका क्या मानना है जनसदन में दीजिए अपनी महत्वपूर्ण राय.......

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