मैं एक प्रशन का जवाब, दो दशक से तलाशने के बावजूद न पा सका. जब दुनिया के लगभग सभी देशों का नाम हर भाषा और लिपि में एक ही होता है तो फिर ऐसा हमारे देश के साथ क्यों नहीं...? हम हिंदी में "भारतीय" होते हैं और इंग्लिश में "इंडियन"....! ऐसा क्यों?
वक्फ बोर्ड बिलJPC को: ये नीतीश- नायडू का इशारा या वैश्विक दबाव ?
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वक्फ बोर्ड बिलJPC को: ये नीतीश- नायडू का इशारा या वैश्विक दबाव ?
भारत या इंडिया..... . जीवन के साढ़े तीन दशक पूरे करने के दौरान मैं एक प्रशन का जवाब, दो दशक से तलाशने के बावजूद न पा सका. जब दुनिया के लगभग सभी देशों का नाम हर भाषा और लिपि में एक ही होता है तो फिर ऐसा हमारे देश के साथ क्यों नहीं.....? हम हिंदी में "भारतीय" होते हैं और इंग्लिश में "इंडियन"....! ऐसा क्यों? दुनियाबी लोगो से मालूमात किया , तो घूम-फिरकर एक ही जवाब मिला , कि सिन्धु घाटी के इस पार होने के कारण फिरंगी हमे हिन्दू कहते हुए ''एच'' को जुबान में चबाकर इंदु पुकारा करते थे . और हिन्दुस्तानी के बजाय ''इंडियन'' कहा करते थे. मतलब हम बोलचाल में विदेशियों के लिए इंडियन हो गए.! .... चलिए, उनकी नज़र से तो ये बात समझ में आती है पर हमे क्या हुआ ? माना कि विदेशी बोली का पिछलग्गू बनकर हमारे लोग भी इंडियन शब्द को, पुकारकर खुद को अंग्रेज़ समजने लगे , पर अधिकारिक तौर पर भी हमारा देश हिंदी में ''भारत'' और अंग्रेजी में ''इंडिया'' क्यों हो गया? यह भ
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