प्रतापनगर: महासैलाब दे गया कांग्रेस को संजीवनी

प्रतापनगर: महासैलाब दे गया कांग्रेस को संजीवनी
जननायक की तरह उभरे MLA नेगी, CM बोले- थैंक्यू प्रतापनगर ----------------------------------------------------------------- 14 अक्टूबर 2016। टिहरी झील के पार प्रतापनगर के पहाड़ों में सुबह 9ः00 बजे से ही हर सड़क पर, हर घाटी-चोटी पर तिरंगे झंडे लगे वाहनों का रेला दिखायी देने लगा था, अक्सर मूक रहने वाले पहाड़ों में फिकवाल एकता जिंदाबाद-हरीश रावत जिंदाबाद, विक्रम नेगी जिंदाबाद के जयघोष सुनाई दे रहे थे। राजनीतिक विशलेषकों, पक्ष-विपक्ष के दूत और खबरनवीसों के दल भी पूरे घटनाक्रम पर नजरें टिकाये हुए थे कि आखिर फिकवाल समुदाय को ओबीसी और विकास कार्यो का लम्बा-चैड़ा पुलिंदा प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी के साढ़े चार साल के कार्यकाल का परिणाम हर सत्ताधारी विधायक की तरह क्या एंटी इनकमबेन्सी का साबूत आज देने वाला है या फिर मेहनत रंग लायेगी। पड़िया मिनी स्टेडियम की ओर आने वाली सड़को पर कांग्रेसी झंडे वाली कार-जीप और छोटी-बड़ी बसों की कतारे देख कर राजनीतिक पंडितों के फोन घनसाली बाजार, चमियाला, पीपलडाली, उत्तरकाशी और ऋषिकेश के बस-टैक्सी यूनियनों से टोह लेने के लिये घनघनाने लगे। मालूम चला कि प्रतापनगर की रौणद, उपली रमोली, जुवा, भदूरा, धारमण्डल, रैका और ढुंगमंदार के हर गांव से वाहन सुबह 7-8 बजे से ही पड़िया मिनी स्टेडियम की ओर चल दिये है, कई स्थानों पर लोग गाड़ियों का इंतजार कर रहे थे। ऋषिकेश से अधिकांश छोटी व बड़ी बसे जो नियमित रूट पर नहीं थी सब 13 तारीख की रात को ही प्रतापनगर के लिये रवाना हो गयी थी, प्रतापनगर विधानसभा के सारे वाहन पहले से ही गांव-गांव तैनात हो गये थे, वाहन कम पड़ने पर घनसाली, चमियाला, पीपलडाली, टिहरी, उत्तरकाशी बाजार से लोगों ने वाहनों को मंगाया था, सब्जी के व्यापारी जो पीपलडाली में व्यवसाय करते है कि उनकी सब्जी के ट्रको पर लोग टिहरी व घनसाली के लिये आ-जा रहे है। करीब 10 बजे तक पड़िया मिनी स्टेडियम में 5-7 हजार लोग पहंुच चुके थे, मिनी स्टेडियम में पंडाल में अभी काफी जगह थी, कांग्रेस से टिकट की आस लगाये नेता और विपक्षी दलों के नेताओं के दूत मिनी स्टेडियम के आस-पास मंडरा कर अपने हिसाब से कानाफूसी कर रहे थे। अभी उनके चेहरे पर थोड़ी रंगत बाकी थी, ढुंगमन्दार की तरफ एक वाहन का एक्सल टूटने के कारण सड़क बंद होने की सूचना पड़िया में पहुंचने के बाद उसके प्रबन्धन के लिये कांग्रेस के नेता इंतजाम कर रहे थे। कई स्थानो पर उम्मीद से अधिक लोग सड़क पर आने की सूचना मिलने पर पड़िया पंहुचे वाहनो को जल्दी खाली करा कर दूसरे तीसरे चक्कर के लिये गांव-गांव भेजने की कवायद भी देखी जा रही थी। 11 बजते-बजते ढोल नगाड़ो के साथ लोगों के काफिले हर तरफ से पड़िया मैदान पहुंचने लगे, अब तक पहुंची भीड़ का अनुमान 12-15 हजार था तो स्टेडियम के आस-पास मंडरा रहे कई नेतागण मुख्यमंत्री जी के मुख्य मंच में प्रवेश करने के जुगाड़ में लग गये। 11ः30 के बाद दूर असमान में हैलीकाॅप्टर आने जैसी आवाज गूंजी तो हर तरफ आने वाले वाहनों से एकाएक लोग फटाफट उतर कर मुख्यमंत्री हरीश रावत और विधायक विक्रम सिंह नेगी का धन्यवाद करने के लिये तेजी से पड़िया स्टेडियम में पहुंचने लगे क्योंकि अब स्टेडियम में कोई भी कुर्सी खाली नहीं बची थी और पैदल बैठने की जगह भी भर चुकी थी। 12 बजने से कुछ समय पहले हैलीकाॅप्टर से उतरे मुख्यमंत्री और विधायक विक्रम सिंह नेगी धन्यवाद रथ में सवार होकर सैकड़ों ढोल-नगाड़ों और हजारों कांग्रेस जनो के साथ पड़िया मैदान में पहुंचे तो राजनीतिक पंडितों के लिये भीड़ का आंकलन करना मुश्किल हो गया। मैदान में मौजूद ऐतिहासिक भीड़ को देखकर गदगद हुए मुख्यमंत्री पैदल भीड़ में घुस गये 15-20 मिनट तक लोगों के बीच अंतिम छोर तक जा कर उनका अभिवादन स्वीकार किया और करीब आधा घंटा उन्हें मुख्य मंच में आने के लिये लगा तब तक मंच से करीब 25-30 हजार की भीड़ को देख कर नेताओं के सुर और स्वर दोनों बदल गये। मंच से बोलने वाले हर नेता ने एक ही राग अलापा कि प्रतापनगर विधानसभा 2017 में फिर से कांग्रेस की है, भीड़ देखकर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपने तय शेडयूल को बदल कर हर नेता को बात रखने का समय दिया और प्रतापनगर के लोगों से कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में आपने जो हमार स्वागत और धन्यवाद किया है उससे हम आपके कर्जदार हो गये है और 2017 के बाद प्रतापनगर विधानसभा को राज्य की अग्रणी और माॅडल विधानसभा बना कर इस कर्ज को भी उतारा जायेगा। खैर, ये तो 14 तारीख के पड़िया मिनी स्टेडियम और उसके इर्द-गिर्द के सड़कों की कहानी थी लेकिन इसका असर 14 अक्टूबर की रात राजनीतिक पंडितों के आंकलन, सरकारी सूचना एजेन्सियों के आंकलन और विपक्ष के माथो पर उठ रही चिंता की शिकनों मे बीतने लगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस पार्टी को प्रतापनगर की महारैली नई संजीवनी दे गई है। लम्बे समय से यह भी चर्चा चल रही थी कि दूसरी पांत के प्रतापनगर के कुछ नेता नाखुश है, लेकिन महारैली ने दिखा दिया कि सड़कों का जाल, टिहरी जलाशय पर पुल और रोपवे का संचालन, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिये ऐतिहासिक कार्य और विकास के लिये प्रतिबद्धता ने स्थानीय विधायक को छोटे-मोटे अवरोधकों से पार कर दिया है। बंद कमरो में विपक्ष भी अब स्वीकार करने लगा है कि समूचे गढ़वाल के इतिहास में एक विधानसभा के स्तर पर इतना बड़ा महासैलाब 14 अक्टूबर से पहले शायद ही कभी किसी जनप्रतिनिधि को धन्यवाद देने के लिये उमड़ा हो। अब पक्ष-विपक्ष सबके लिये यह सबक है कि जनता मेहनत और विकास का आभार भी जताती है और साथ भी देती है, हांलाकि गुणा-भाग इसके बाद भी बहुत सारे होंगे लेकिन प्रतापनगर की जनता ने साबित कर दिया कि वो सचमुच महान है।

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