नैनीताल की जंग
राजीव रावत झीलों-तालों की लोकसभा नैनीताल, रमणीक पर्वतों और हरे-भरें मैदानों से युक्त एैसा क्षेत्र है जो सामाजिक,सांस्कृतिक और भौगोलिक भिन्नताओं से युक्त है। यंहा की 6 विधानसभाओं लालकुआं, नैनीताल, हल्द्वानी, जसपुर, बाजपुर और सितारगंज में कांग्रेस का कब्जा है तो भीमताल, कालाढ़ुंगी, काशीपुर, गदरपुर, रूद्रपुर, किच्छा, नानकमत्ता और खटीमा से भाजपा के 8 विधायक 2012 में जीते थे। विधायकों के लिहाज से इस लोकसभा में भाजपा का पलड़ा भारी है। चुनावी रण में इस सीट पर एनडी तिवारी के शांत होने के बाद भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। कांगेंस ने यंहा से लगातार 2 बार चुनाव जीते केसी बाबा पर फिर से भरोसा जताया है तो भाजपा ने पिछला चुनाव हारे बच्ची सिंह रावत के बदले इस बार भगत सिंह कोश्यारी को मैदान में उतारा हैं। भगददा अल्मोड़ा लोकसभा के निवासी है इसलिए बाहरी-स्थानीय का मुद्दा यंहा कांग्रेस का हथियार है, हालंाकि कोश्यारी का बड़ा जनाधार उसके असर को कम कर रहा है। कोश्यारी उत्तराखंड और यूपी में विधायक रह चुके है। वो उर्जा मंत्री रहने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भी बने थे। भाजपा के दो बार प्रदेश